जाऊँ ना दर मैं तेरा छोड़ के,
बाबोसा,
दुनिया से आयी मुँह मोड़ के।।
तर्ज – छोड़ ना कलाई मेरी।
अपने पराये सब ही छूटे,
फिकर न मुझको चाहे वो रूठे,
दौड़ आयी हूँ मैं सब छोड़के,
बाबोसा,
दुनिया से आयी मुँह मोड़ के।।
तू ही है माझी तू ही है नैय्या,
मिल जाये मंजिल पकड़ लो बंय्या,
जाना ना बीच भँवर में छोड़के,
बाबोसा,
दुनिया से आयी मुँह मोड़ के।।
तेरे नाम की हूँ मै दीवानी,
तुमसे छुपी न मेरी कहानी,
अपना बना लो प्रीत जोड़के,
बाबोसा,
दुनिया से आयी मुँह मोड़ के।।
पूजा पाठ मैं कुछ न जानु,
सब कुछ अपना तुझको ही मानू,
“दिलबर” न जाना दिल तोड़के,
बाबोसा,
दुनिया से आयी मुँह मोड़ के।।
जाऊँ ना दर मैं तेरा छोड़ के,
बाबोसा,
दुनिया से आयी मुँह मोड़ के।।
गायिका – रिया जैन।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365
प्रेषक – श्री अजय जी गोलछा हैदराबाद।