हनुमान हरियाणे में आ, 
खुब तेरा जी लावेंंगे, 
के के सेवा करेंगे तेरी, 
सुणले तन्नै सुणावेंगे, 
हनुमान हरियाणे मे आ, 
खुब तेरा जी लावेंंगे।।
ताता सीला दोनों ढाल का, 
पाणी होगा नहावण ने, 
दाल चुरमा देशी घी में, 
दुध की गैल्या खावण ने, 
पलंग नवारी बैठण खात,र
 नरम गिंडवे लावण ने, 
बुग्गी रेहड़ु और ट्रैक्टर, 
ले ज्यां खेत घुमावण ने, 
हार चढे जब सोये भगवन, 
हार चढे जब सोये भगवन, 
तेरे चरण दबावेंगे, 
के के सेवा करेंगे तेरी, 
सुणले तन्नै सुणावेंगे, 
हनुमान हरियाणे मे आ, 
खुब तेरा जी लावेंंगे।।
वं भी लोग दिखाणे सं जो, 
मेंहदीपुर में जावं सं, 
तरह-तरह की भक्ति करके, 
दर्शन करणां चहावं सं, 
जिनके संकट कटज्यां सं वे, 
किस तरयां हर्षावं सं, 
हे बलकारी शिव अवतारी, 
तेरा ही गुण गावं सं, 
बालाजी महारे महं आवं, 
उन तं भी मिलवावांगे, 
के के सेवा करेंगे तेरी, 
सुणले तन्नै सुणावेंगे, 
हनुमान हरियाणे मे आ, 
खुब तेरा जी लावेंंगे।।
सारा इंडिया जाणे महारा, 
दुध दही का खाणा स, 
कई ढाल की बोली महारी, 
कई ढाल का बाणा स, 
गऊ ब्रहाम्ण साधु की सेवा, 
हमने शौंक पुराणा स, 
राजनीति की रंगत न्यारी, 
हरा भरा हरियाणा स, 
कलयुग कितणा जोर जमा रहया, 
यो भी तन्नै दिखांवांगे, 
के के सेवा करेंगे तेरी, 
सुणले तन्नै सुणावेंगे, 
हनुमान हरियाणे मे आ, 
खुब तेरा जी लावेंंगे।।
नई गदा और नई खड़ाऊ, 
लंगोटा सिमवा दयांगे,
ज तुं परमानैन्ट रह त, 
मंदिर भी बणवा दयांगे, 
पुठ्ठी आले कमलसिंह ने, 
सेवा के महां ला दयांगे, 
सारे देवता न्योत दिए, 
न्यु भण्डारा करवा दयांगे, 
समचाणे तं बुला नरैन्द्र, 
कीर्तन तेरा करवा दयांगे, 
के के सेवा करेंगे तेरी, 
सुणले तन्नै सुणावेंगे, 
हनुमान हरियाणे मे आ, 
खुब तेरा जी लावेंंगे।।
हनुमान हरियाणे में आ, 
खुब तेरा जी लावेंंगे, 
के के सेवा करेंगे तेरी, 
सुणले तन्नै सुणावेंगे, 
हनुमान हरियाणे मे आ, 
खुब तेरा जी लावेंंगे।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी, 
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )
 
			







 
