गुरसामल के आंगणिये में,
बाजे रे पैंजनिया,
देखो ठुमक ठुमक,
कैसी लटक मटक,
चालै नारायणी नारायणी।।
तर्ज – कौन दिशा में लेके।
छम छम करती बाजै पैंजनिया,
सब को मनड़ो हर्षावै,
गुरसामल जी लेवै बलैयां,
नजर कोई ना लग ज्यावै,
रंग रंगीली गुड़िया छबीली,
बलिहारी जाऊं खुशियां मनाऊं,
ज्यूं लक्ष्मी की अवतार है,
डगमग हालै देखो मोरणी सी चालै,
देखो ठुमक ठुमक,
कैसी लटक मटक,
चालै नारायणी नारायणी।।
महलां में चालै अंगणा में चालै,
घूघरिया खुड़कावती,
ऐसी छवि कोई बड़भागी पावै,
सोया भाग्य जगावती,
जय हो नारायणी गूंज उठी वाणी,
देवता भी बोली जयकार है,
अम्बरीष कहवै बजता रहवै..,
भग्तां कै पैंजनिया,
देखो ठुमक ठुमक,
कैसी लटक मटक,
चालै नारायणी नारायणी।।
गुरसामल के आंगणिये में,
बाजे रे पैंजनिया,
देखो ठुमक ठुमक,
कैसी लटक मटक,
चालै नारायणी नारायणी।।
लेखक – अम्बरीष कुमार मुंबई।
9327754497
गायक – सुदर्शन कुमार।
जय दादी की 🙏🌹








