बालक करके आज,
हाथ मेरे सिर पे धरिए हो,
दादा पितर भूल चुक मेरी,
माफ करिए हो।।
तर्ज – आदमी हूं आदमी से।
तू मेरा दादा मैं पोता तेरा,
बालक याणा सूं,
तेरे तै आगै हो चालूं,
ना इतना स्याणू सूं,
लोभ स्वार्थ बसा मेरा,
मन पाक करिए हो,
दादा पितृ भूल चुक मेरी,
माफ करिए हो।।
शीश झुकाए खड़ा तेरा,
परिवार हो दादा,
हाथ पसारै मांगै सै तेरा,
प्यार हो दादा,
जो भी खोट मेरे जला ज्योत में,
राख करिए हो,
दादा पितृ भूल चुक मेरी,
माफ करिए हो।।
एक नजर तेरी कृपा की,
तू कद सी गैरेगा,
माटी के म्हां रुल ज्यांगा,
जै मुंह ने फैरेगा,
कौड़ी का मोल मेरा,
एक लाख करिए हो,
दादा पितृ भूल चुक मेरी,
माफ करिए हो।।
जुएं आला मंजीत प्रीत तेरे,
नाम तै करता,
तेरे होते तेरा संजू दादा,
किसै तै ना डरता,
ला भगती में मेरी,
आत्मा साफ करिए हो,
दादा पितृ भूल चुक मेरी,
माफ करिए हो।।
बालक करके आज,
हाथ मेरे सिर पे धरिए हो,
दादा पितर भूल चुक मेरी,
माफ करिए हो।।
गायक – संजू हरियाणवी।
प्रेषक – विजय सोनी।
9896945003
आशीर्वाद – गुरु जी श्री कृष्ण जुंआ वाले।
9813297388