चालो म्हारी सुरता,
गिगन मण्डल में,
रैन दिवस लीव लाई रे।।
सोहनी शिखर में चमके बिजली,
गिगन घटा झुक आई रे,
मधुर मधुर धून बोले पपैइयो रे,
बैरण नींद उड़ाई रे,
चालों म्हारी सुरता,
गिगन मण्डल में,
रैन दिवस लीव लाई रे।।
चित र चौक में मडियो हिडोलो रे,
हींड तीज सवाई रे,
पांच पचिस मील सारी सखियां,
सुन्दर सोभा पाई रे,
चालों म्हारी सुरता,
गिगन मण्डल में,
रैन दिवस लीव लाई रे।।
सुमता रो हार मेरे पीय जी पहनायो रे,
सुगन्ध भई नभ माहीं रे,
प्रेम पुष्प म्हारो कबहू ना सूखै रे,
नित चौसर हरियाई रे,
चालों म्हारी सुरता,
गिगन मण्डल में,
रैन दिवस लीव लाई रे।।
ओहंग सोहंग गा लाग्या झकोरा रे,
झूलो चडयो नभ माही रे,
मै डरती मेरे प्रीतम न पकडयो,
छोडू तों गिर जाई रे,
चालों म्हारी सुरता,
गिगन मण्डल में,
रैन दिवस लीव लाई रे।।
देवनाथ चतर चौमासे गा रसिया,
म्हे बां स्यूं गम पाई रे,
केवे राजा मान आनन्द में रेणो रे,
म्हारे तो सावण सदांई रे,
चालों म्हारी सुरता,
गिगन मण्डल में,
रैन दिवस लीव लाई रे।।
चालो म्हारी सुरता,
गिगन मण्डल में,
रैन दिवस लीव लाई रे।।
राजा मानसिंह री बाणी।
गायक – समुन्द चेलासरी।
मो.- 8107115329