बस चार दिनों का मेला फिर चला चली खेला लिरिक्स
बस चार दिनों का मेला, फिर चला चली खेला, नही कायम जग में डेरा, प्यारे ना तेरा ना मेरा।। तर्ज...
Read moreDetailsबस चार दिनों का मेला, फिर चला चली खेला, नही कायम जग में डेरा, प्यारे ना तेरा ना मेरा।। तर्ज...
Read moreDetailsक्यों चिंता करता बेकार, द्वारे पे तेरे खडो है दातार, देगो चुगेरो है जाने चोंच दई।। तर्ज - आने से...
Read moreDetailsकैसी प्रभु तूने कायनात बांधी, एक दिन के पीछे एक रात बांधी।। कभी थकते नहीं हैं वो घोड़े, तूने सूरज...
Read moreDetailsदुनिया ये स्वारथ की, कोई भी नहीं अपना है, भाई को भाई ना समझे, समझे नहीं अपना है, दुनिया यह...
Read moreDetailsमन मस्त हुआ, फिर क्या बोले, मन मगन हुआ, फिर क्या बोले।। हीरा पाया बांध गठड़ीया, बार बार वाको मत...
Read moreDetailsना कर तू अभिमान, खिलौने माटी के, झूठी तेरी शान, खिलौने माटी के।। अपनी शानो शौकत पर, क्यो करता है...
Read moreDetailsशरद पूनम का चंदा सिंगाजी, म्हारा शरद पूनम का चंदा, गुरु भक्ति में हर दिन आनंदा, सिंगाजी म्हारा शरद पूनम...
Read moreDetailsराजस्थान में शक्ति तीन महान है, सालासर में वीर बलि हनुमान है, झुंझुनू माही राणी सती माँ राज करे, श्याम...
Read moreDetailsभेरू थारी भक्ति में, होकर के बावरा, अ र र नाचे हो, भेरूजी थारा टाबरां।। तर्ज - सतरंगी लहरियों। भक्ति...
Read moreDetailsतूने किया ना हरि से प्यार, सारा जीवन दीन्हा गुज़ार, तेरी ये नादानी है ओ रे मनवा, तेरी ये कहानी...
Read moreDetails© 2016-2025 Bhajan Diary