चले विप्र हरि नाम को जपते दीनानाथ के धाम
चले विप्र हरि नाम को जपते, दीनानाथ के धाम, जपते राधे राधे श्याम, जपते राधे राधे श्याम।। (सुदामा प्रसंग भजन)...
Read moreDetailsचले विप्र हरि नाम को जपते, दीनानाथ के धाम, जपते राधे राधे श्याम, जपते राधे राधे श्याम।। (सुदामा प्रसंग भजन)...
Read moreDetailsअपना घर हो भक्ति धाम, अपना घर हो शक्ति धाम, हर बाधा को पार करें हम, हर बाधा को पार...
Read moreDetailsप्रयागराज की धरती पर, आई यह पावन बेला है, छोटी मोटी बात नहीं, यह महाकुंभ का मेला है, साधु संतों...
Read moreDetailsमैनू दवो दुआवां लोकों वे, मेरी जुग जुग जीवे माँ, मेरे सिर तों कदे वी खुंजे ना, ओ ठंडी मिट्ठी...
Read moreDetailsसच बात पूछती हूँ, बताओ ना बाबूजी, छुपाओ ना बाबूजी, क्या याद मेरी आती नहीं, क्या याद मेरी आती नही।।...
Read moreDetailsलाखों की थारी जिंदगी रे, ओ बीरा रे एक कौड़ी में गमायी, छोड़ी ने हीरो लाख को रे, ओ बीरा...
Read moreDetailsमात पिता गुरूवर के, सभी कर्जदार है, सारा संसार है, आज भी है और, कल भी रहेगा।। तर्ज - सौ...
Read moreDetailsमाता पिता अनमोल रतन है, इनसे बड़ा भगवान नहीं, कदर नहीं जिसे मात पिता की, उससे बड़ा नादान नहीं।। प्रथम...
Read moreDetailsपतित पावनी मुक्ति दायनी, है ये दिव्य कथा, सच्चे दिल से जो भी सुनता, मन की मिटे व्यथा, ये है...
Read moreDetailsसब दिन होत ना एक समान, दोहा - समय समय की बात है, समय समय का खेल, कभी समय बिछड़ावत...
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