यहाँ वहा मत डोल प्राणी हरि हरि बोल लिरिक्स
यहाँ वहा मत डोल, प्राणी हरि हरि बोल, कर हरि सुमिरन, हरि मिल जाएंगे।। yaha waha mat dol prani hari...
Read moreDetailsयहाँ वहा मत डोल, प्राणी हरि हरि बोल, कर हरि सुमिरन, हरि मिल जाएंगे।। yaha waha mat dol prani hari...
Read moreDetailsये धन दौलत दुनिया की रौनक, सब कुछ यहीं रह जाएगा, संग में ना कुछ भी जाएगा, महल दो महले...
Read moreDetailsये पाप नसावन, पर्वत है पावन, श्री राम विराजे, लगता मनभावन, कैसे आयेंगे जीवन में, खुशियों के पल, कामतानाथ आके...
Read moreDetailsजब तक साँसे चलेगी, हिन्दू जगाता रहूँगा, सेवा मुझे दी राम ने, सेवा मैं करूँगा, सेवा मुझे दी श्याम ने,...
Read moreDetailsहै जिंदगी कितनी खूबसूरत, जिन्हें अभी ये पता नही है, कोई बहुत प्यार करने वाला, जिन्हें अभी तक मिला नही...
Read moreDetailsविधाता अजब लिखी तकदीर, होना था अभिषेक राम का, वन को गए रघुवीर, विधारा अजब लिखी तक़दीर।। vidhata ajab likhi...
Read moreDetailsदुनिया भर के हिंदुस्तानी, के मन में उत्कर्ष है, ये हिन्दू नववर्ष है, ये अपना नववर्ष है।। चैत्र शुक्ल की...
Read moreDetailsम्हारा पियर में साहिबा, बोई गणगौर, आसि बोल रही कोयलिया, नाचि रया मोर, म्हारा पियर म साहिबा, बोई गणगौर।। मैया...
Read moreDetailsदिल ना तुम किसी का तोड़ो, दिल टुटा तो मंदिर टूटेगा, दिल में है भगवान का डेरा, दिल टुटा तो...
Read moreDetailsआज हम खेलेंगे, वृंदावन में होली, कान्हा के संग खेलेंगे, हम फूलों वाली होली।। तर्ज - आज हम नाचेंगे राधे...
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