मानव तू है मुसाफिर दुनिया है धर्मशाला लिरिक्स
मानव तू है मुसाफिर, दुनिया है धर्मशाला, संसार क्या है सपना, वो भी अजब निराला।। तर्ज - मुझे इश्क़ है...
Read moreDetailsमानव तू है मुसाफिर, दुनिया है धर्मशाला, संसार क्या है सपना, वो भी अजब निराला।। तर्ज - मुझे इश्क़ है...
Read moreDetailsजिंदगी सुधार बंदा, यही तेरो काम है।। मानुष की देह पाई, हरि से ना प्रीत लाई, विषयों के जाल माही,...
Read moreDetailsरे मन प्रति स्वांस पुकार यही, जय राम हरे घनश्याम हरे, तन नौका की पतवार यही, जय राम हरे घनश्याम...
Read moreDetailsहे मूर्ति बड़ी महान रे, अखिलेश्वर पावन धाम रे, जहां विराजे साक्षात, ऊ पवन पुत्र हनुमान रे।। हे सोभा बड़ी...
Read moreDetailsजिसमे दबे आत्मा, वह काम बुरा है, बद है बुरा बद से भी, बदनाम बुरा है।। बद की संगति में...
Read moreDetailsहै प्रेम जगत में सार, और कछु सार नहीं।। देखे - रे मनवा प्रेम जगत का सार। मीरा का इकतारा...
Read moreDetailsचलो चलो सखी अब जाना, हरि भेज दिया परवाना।। एक दूत जबर चल आया, सब लश्कर लाव मंगाया, किया बीच...
Read moreDetailsआप आए हमारे आँगन में, स्वागतम स्वागतम मेरे प्रियतम, जो ख़ुशी है बयाँ करुँ कैसे, जो ख़ुशी है बयाँ करुँ...
Read moreDetailsआया हरियाली तीज का त्यौहार, महीना सावन का, बाँध घुंघरू नाचे बहार, महीना सावन का, आया हरियाली तीज का त्योहार,...
Read moreDetailsमन में खोट भरी और मुख में हरि, फिर मंदिर में जाने से क्या फायदा, मैल मन का धोया बदन...
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