छुपे बैठे हो कण कण मे भला मे केसे पहचानु भजन लिरिक्स
छुपे बैठे हो कण कण मे, भला मैं कैसे पहचानु, दुई का दूर कर पर्दा, सामने आओ तो जानु।। तर्ज...
Read moreDetailsछुपे बैठे हो कण कण मे, भला मैं कैसे पहचानु, दुई का दूर कर पर्दा, सामने आओ तो जानु।। तर्ज...
Read moreDetailsअगर प्यार तेरे से पाया ना होता, तुझे श्याम अपना बनाया ना होता।। ना होती तमन्ना हि, तेरे मिलन की,...
Read moreDetails© 2016-2025 Bhajan Diary