गंगा से गंगाजल भरके काँधे शिव की कावड़ धरके भजन लिरिक्स
गंगा से गंगाजल भरके, काँधे शिव की कावड़ धरके, भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो, भोले के दर चलो...
Read moreDetailsगंगा से गंगाजल भरके, काँधे शिव की कावड़ धरके, भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो, भोले के दर चलो...
Read moreDetailsआया हूँ भोले मैं तेरे द्वार, मुझको भी कर दे भव से तू पार, तू तो बड़ा दानी है, मेरे...
Read moreDetailsशिव शंकर तुम कैलाशपति, है शीश पे गंग विराज रही, शिव शंकर तुम कैलाश-पति, है शीश पे गंग विराज रही।।...
Read moreDetailsशिव शंकर भोले कैलाशी, तेरे दरश को अखियां है प्यासी, शिव शंकर भोले कैलाशी।। तर्ज - कान्हा आन बसों वृन्दावन...
Read moreDetailsनमो नमो नमो नमो दलेर मेहंदी, श्लोक - सतसाँच श्री निवास, आद तू रख सदा तू ही, तू ही, तू...
Read moreDetailsआओ आ जाओ भोलेनाथ, तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं, तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं, जागु दिन और रात,...
Read moreDetailsमेरा शिव सन्यासी हो गया, कावड़ियों के मेले में, बम बम की धुन में खो गया, कावड़ियों के रेले में,...
Read moreDetailsडमक डमक डम डमरू बाजे, महादेव के हाथ, हो पी के भंग तरंग में नाचे, शंकर भोलेनाथ, बाबा बम लहरी...
Read moreDetailsडमक डम डमरू रे बाजे, चन्द्रमा मस्तक पर साजे, नाचे भोला हर हर हर हर बम, नाचे भोला हर हर...
Read moreDetailsहरे शिव शंकर कष्ट सारे, चला आ शिव की, चला आ शिव की तू शरण में, काम सब बिगड़े वो...
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