कलयुग कला थोरी अजमाल रा प्रगटिया रामदेव जी सायल
कलयुग कला थोरी, अजमाल रा प्रगटिया, युग में परियाण, आज म्हा पर मेहर करी थे, मोटा धणी थे हो सुभियाण।।...
Read moreDetailsकलयुग कला थोरी, अजमाल रा प्रगटिया, युग में परियाण, आज म्हा पर मेहर करी थे, मोटा धणी थे हो सुभियाण।।...
Read moreDetailsअबला री आ विणती, सुणजो रे पिवजी मारा औ, छोड़ गया मने इण जिंदगी में, अब मारो कुण होसी औ,...
Read moreDetailsइस जग में मानव तन, मुश्किल से मिलता है, हरि का तू भजन कर ले, ये समय निकलता है।। मानव...
Read moreDetailsपरनारी की प्रीत करे, नंगटा चोड़े धाड़े। दोहा - परनारी मीठी छुरी, तीन ठोड़ से खाय, जीवत खावे काळजो, मर्या...
Read moreDetailsथारा बंगला में परदेसी, डटेगो कोनी। दोहा - आया है सो जाएगा, राजा रंक फकीर, कोई सिंहासन चढ़ चले, कोई...
Read moreDetailsकान्हा आजा गोकुल माई, मारो मन घणो घबरावे, मन घणो घबरावे मारो, दिल घणो घबरावे रे, कान्हा आजा गोकुल माहि,...
Read moreDetailsअम्बे दुर्गे महाकाली नारायणी, जगदम्बे नमो सर्वसुखदायिनी, शेरोवाली माँ मुझपे कृपा कीजिये, दास चरणों का मुझको बना लीजिये।। तर्ज -...
Read moreDetailsआयो री नज़र चंदा चौथ को, दोहा - गोरी आओ आंगणे, कर सोलह सिणगार, पूजो माता चौथ ने, चाँद चढ्यो...
Read moreDetailsसातों बहना ने सोवे रे, गुलाब गज़रो। दोहा - इन्द्रगढ़ बीजासणा, बरवाड़ा में चौथ, उपरमाल में जोगणिया, थारे हरदम जलती...
Read moreDetailsभगति दोरी रे, भगति वाली बातां, करबो सोरी रे, भक्ति दोरी रे।। सन्यासी विश्वासी निर्गुणी, गोरख विष्णु कबीरी रे, जेनी...
Read moreDetails© 2024 Bhajan Diary