रुकमणी हरण कानूडो करग्यो भजन
अड़ी ढाल से ढाल कटार्या, कमरया में लटकी रेगी, रुकमणी हरण कानूडो करग्यो, अना चैत की हद वेगी।। अम्बा पूजन...
Read moreDetailsअड़ी ढाल से ढाल कटार्या, कमरया में लटकी रेगी, रुकमणी हरण कानूडो करग्यो, अना चैत की हद वेगी।। अम्बा पूजन...
Read moreDetailsलगन लागी मारे भजना की, रामजी को नाम लिराबा की।। भागीरथ ने गंगा बुलाई, शिव शंकर के जटा में समाई,...
Read moreDetailsतेरी लीला न्यारी है जग सु न्यारी, तुझमे दुनिया है समाई सारी, तेरे लिए दुनिया मैंने छोड़ी सारी, मारा सेठ...
Read moreDetailsनित नित अर्जी करूँ रे आपने, मारा सांवरिया गिरधारी वो। दोहा - अरज करु मैं आपने, मारी सुनजो साँवल सेठ,...
Read moreDetailsसत्संग में काई का घाटा, ले लो वस्तु अपार।। सतगुरु आया भेद विचारी, वांसे लेलो ओसत भारी, औसत लेके करो...
Read moreDetailsमारी बाणी मारा सतगुरु जाणी, गोरख जी आया जिण दिन, पवना पाणी ओ जी।। अंड नहीं होता दाता पंड नहीं...
Read moreDetailsनाम ले रे नाम ले तू, नाम से तिरेलो, मिनख जमारो बन्दा, फेर न मिलेगो, नाम ले रे नाम ले,...
Read moreDetailsसुर बीना पुगे नाय, मारग थक जाता, सुन में पुगें साध, भाग्यफल पाता है वो जी।। कण्ठ कवल के माई,...
Read moreDetailsनयो नयो साल मनावा, रुणिचा नगरी में, रुणिचा नगरी में, बाबा की नगरी में।। रुणिचा में धाम बण्यो है, बाबो...
Read moreDetailsआजा मानव सत्संग में, दोहा - एक घड़ी आधी घड़ी, आधी में पुनियाध, तुलसी सत्संग साध की, कटे करोड़ अपराध।...
Read moreDetails© 2016-2025 Bhajan Diary