मुखड़ा क्या देखे दर्पण में तेरे दया धर्म नहीं मन में लिरिक्स
मुखड़ा क्या देखे दर्पण में, तेरे दया धर्म नहीं मन में, तेरे दया धर्म नहीं मन में, मुखड़ा क्या देखे...
Read moreDetailsमुखड़ा क्या देखे दर्पण में, तेरे दया धर्म नहीं मन में, तेरे दया धर्म नहीं मन में, मुखड़ा क्या देखे...
Read moreDetailsथे साँचा किशन मुरार सिरजन हार, दोहा - हरजी कह हजूर ने, सुणो नाथ निज भेण, परालब्ध प्रभु मिले, सतगुरु...
Read moreDetailsफूलों सा म्हारा प्यारा बालाजी, थाने दुनिया मनावे जी, थारा ही गुण गावे बालाजी, थाने रोज मनावे जी, फूलो सा...
Read moreDetailsआशा थोरी अमर सदा ही धणी रामा, दोहा - धिन धणीया रो देवरो, हर सागर री तीर, फरहर नेजा फरहरे,...
Read moreDetailsसुरसत माय शारदा ने सिंवरू, मेहर करो ममाई हो जे, थोरे तो पके रामदेजी बाबो, कमी न राखे रामो कांई...
Read moreDetailsबापजी सोय रया कांई सांसे भरिया, कला हटगी कांई मलेछो सू डरिया, आगे आवता कांई अलंगो रे खड़िया, सांकल घाल...
Read moreDetailsसुमिरन करले मेरे मना, बीती जावे उमर हरी नाम बिना।। दोहा - सब संतो ने विनती, अपनी अपनी थोड, वचन...
Read moreDetailsबीरा थारी चुनड़ली रा, चटका है दिन चार, पुराणी पड़गी चुनड़ी।। आंखों से सुजे नहीं रे, सुणे ना दोनु कान,...
Read moreDetailsजन्म लियो जाने मरणो पड़सी, मौत नगारो सिर फूटे ओ, लाख उपाय करों मन कितना, बिना रे भजन नहीं छूटेओ,...
Read moreDetailsसांवरा अटकी नावड़ी ने तारो, म्हारो तो धजाबन्द कुछ कोनी बिगड़े, लाजेलो बिरद तुम्हारो, साँवरा अटकी नावड़ी ने तारो।। सूरिया...
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