हरि जी म्हारी आई अर्ज सुण लिज्यो भजन लिरिक्स
हरि जी म्हारी आई अर्ज सुण लिज्यो, दोहा - संत मुक्ति का पोलिया, इनसे करिये प्यार, कुची उनके हाथ में,...
Read moreDetailsहरि जी म्हारी आई अर्ज सुण लिज्यो, दोहा - संत मुक्ति का पोलिया, इनसे करिये प्यार, कुची उनके हाथ में,...
Read moreDetailsराम नाम का सुमिरन करले, फेर प्रेम की माला रे, उसका दुश्मन क्या कर सकता, जिसका राम रुखाला रे।। हिरणाकुश...
Read moreDetailsडाली कर जोड़ सुनावे, निज सतगुरु ने समझावे, हो म्हारा बाप जी, मैं तो लेउला समाधि, थांसू पहली।। राम सरोवर...
Read moreDetailsकरना हो सो करले जल्दी, मानुष तन अवतार में। दोहा - घणी गई थोड़ी रही, या म पलपल जाय, एक...
Read moreDetailsमत ले समाधि डालाबाई, मत ले समाधि, थारी छोटी सी ऊमर में, काई रंग लाग्यो डालाबाई ये, मत ले समाधि...
Read moreDetailsगुरु की दुआई मैं तो, झूठ कोनी बोला रे हे। दोहा - रामा मोरी राखियो, अबके डोरी हाथ, और नहीं...
Read moreDetailsतेरो ही भ्रम तू ही भुलायो, दोहा - एक अखंडित ज्यो नभ व्यापक, बाहर भीतर हैं इकसारो, दृष्टक मुष्टक रूप...
Read moreDetailsसाधो भाई हरदम हरि है भेला, दोहा - सन्त समागम हरि कथा, तुलसी दुर्लभ दोय, सुत दारा औऱ गृह लक्ष्मी,...
Read moreDetailsमीठी लागे मीठी लागे, मीठी म्हारा सांवरा, भजना से लागे मीरा मीठी, उदयपुर राणा, भजनाँ सँ लागैे मीरा मीठी रे।।...
Read moreDetailsरूणिचा खुडियावास माई, बाबो रामदेव जी विराजे रै। दोहा - गांव रूणिचाँ रै माईने, बाबा रो मंन्दिर जोर, मनोहर आयो...
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