कभी माखन चुरा लिया कभी पर्वत उठा लिया भजन लिरिक्स
कभी माखन चुरा लिया, कभी पर्वत उठा लिया, ओ लल्ला रे, ये क्या गजब किया, मेरे कान्हा, मुझको डरा दिया॥॥...
Read moreकभी माखन चुरा लिया, कभी पर्वत उठा लिया, ओ लल्ला रे, ये क्या गजब किया, मेरे कान्हा, मुझको डरा दिया॥॥...
Read moreहे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम, ओ शेरोवाली, ऊँचे डेरों वाली, बिगड़े बना दे मेरे काम।। ऐसा कठिन पल,...
Read moreसबसे पहले तुम्हे मनाऊँ, दोहा - प्रथमे गौरा जी को वंदना, द्वितीये आदि गणेश, त्रितिये सीमरु शारदा, मेरे कण्ठ करो...
Read moreगजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है। तर्ज - फुल तुम्हे भेजा है ख़त मे। - श्लोक - प्रथम मनाये गणेश...
Read moreएक हरि को छोड़ किसी की, चलती नहीं है मनमानी, चलती नही है मनमानी॥ लंकापति रावण योद्धा ने, सीता जी...
Read moreतूने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये, ज्योता वालिये, पहाड़ा वालिये, मेहरा वालिये, तुने मुझे बुलाया...
Read moreसुन बरसाने वाली, दोहा - राधा मेरी स्वामिनी, मैं राधा को दास, जनम जनम मोहे दीजियो, वृन्दावन को वास। सुन...
Read moreमीठे रस से भरीयो री, राधा रानी लागे। दोहा - राधा तू बड़भागिनी, और कौन तपस्या किन, तीन लोक के...
Read moreमेरे सर पर रखदो मईया जी, अपने ये दोनों हाथ, देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ।। इस जनम...
Read moreसाईं तेरी शिर्डी को मेरा प्रणाम तर्ज - सोलह बरस की बाली उमर को श्लोक – इरादे रोज बनते है टूट...
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