भोले तेरी जटा से बहती है गंग धारा भजन लिरिक्स
भोले तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, काली घटा के अंदर,...
Read moreDetailsभोले तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, काली घटा के अंदर,...
Read moreDetailsदो दिन का जगत मे मेला, सब चला चली का खेला।। कोई चला गया कोई जावे, कोई गठरी बाँध सिधारे,...
Read moreDetailsमुझे दे दर्शन गिरधारी रे, तेरी सांवरी सूरत पे मैं वारि रे।। जमुना तट हरी धेनु चरावे, मधुर मधुर स्वर...
Read moreDetailsगुरुजी दरश बिना, जियरा मोरा तरसे, गुरुजी मेरे, नैनन में जल बरसे।। तर्ज - आजा रे परदेसी मैं तो। पतीत...
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