आरती संग्रह

Aarti Sangrah Lyrics

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी शनिदेव आरती लिरिक्स

जय जय श्री शनिदेव, भक्तन हितकारी, सूरज के पुत्र प्रभु, छाया महतारी, जय जय श्रीं शनिदेव।। श्याम अंग वक्र दृष्टि,...

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शीश गंग अर्धंग पार्वती सदा विराजत कैलासी स्तुति लिरिक्स

शीश गंग अर्धंग पार्वती, सदा विराजत कैलासी, नंदी भृंगी नृत्य करत है, धरत ध्यान सुर सुखरासी।। शीतल मन्द सुगन्ध पवन,...

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