पित्रो की महिमा भारी पितृ आरती लिरिक्स
पित्रो की महिमा भारी, कुल के जो है हितकारी, हम सब उतारे थारी आरती, ओ दादा मिलकर उतारे थारी आरती।।...
Read moreDetailsपित्रो की महिमा भारी, कुल के जो है हितकारी, हम सब उतारे थारी आरती, ओ दादा मिलकर उतारे थारी आरती।।...
Read moreDetailsशिवरक्षा स्तोत्रं, चरितं देवदेवस्य महादेवस्य पावनम्। अपारं परमोदारं चतुर्वर्गस्य साधनम्।।(१) गौरी-विनायकोपेतं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रकम्। शिवं ध्यात्वा दशभुजं शिवरक्षां पठेन्नरः।।(२) गङ्गाधरः शिरः...
Read moreDetailsजय जय ज्ञानेश्वर जय बागेश्वर, जय जय ज्ञानेश्वर जय बागेश्वर, संकटमोचन बाला, भक्तन सुखदाई सदा सहाई, अतिप्रिय रामकृपाला। पूनम मधुमासी...
Read moreDetailsमैं तो आरती उतारूं रे, अंजनी दुलारे की, मैं तो आरती उतारूं रे, हनुमत हमारे की, जय जय बजरंगबली, जय...
Read moreDetailsमो सम दीन न दीन हित, मो सम दीन न दीन हित, तुम समान रघुवीर। अस विचार रघुवंश मणि, हरहू...
Read moreDetailsआरती जगजननी मैं तेरी गाऊं, तुम बिन कौन सुने वरदाती, किसको जाकर विनय सुनाऊं, आरती जगजननी मैं तेरी गाऊँ।। तर्ज...
Read moreDetailsजय महाकाल राजा, भोले जय गौरी नाथा, तीर्थ अवन्ती विराजे, भक्तों की रखे लाजा, ॐ जय महाकाल राजा।। देखे -...
Read moreDetailsकाल भैरव अष्टक, देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं, व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम्। नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं, काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे।१। भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं, नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम्। कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं, काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे।२। शूलटंकपाशदण्डपाणिमादिकारणं, श्यामकायमादिदेवमक्षरं...
Read moreDetailsजय जय त्रिभुवन वन्दिनी, गिरिनन्दिनि हे गिरिनन्दिनि हे, असुर निकन्दिनि मातु, जय जय शम्भु प्रिये।। त्रिगुण शक्ति निज धारणि, शुभकारिणि...
Read moreDetailsॐ जय श्री बाबोसा, बोलो जय श्री बाबोसा, चूरू धाम में विराजत, रूप हनुमत सा, ॐ जय श्रीं बाबोसा।। शीश...
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