नित्य पठनीय गीताजी के पाँच श्लोक
नित्य पठनीय गीताजी के पाँच श्लोक, वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्, देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्। १. अजोऽपि सन्नव्ययात्मा भूतानामीश्वरोऽपि सन्, प्रकृतिं स्वामधिष्ठाय...
Read moreDetailsनित्य पठनीय गीताजी के पाँच श्लोक, वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्, देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्। १. अजोऽपि सन्नव्ययात्मा भूतानामीश्वरोऽपि सन्, प्रकृतिं स्वामधिष्ठाय...
Read moreDetailsश्री यमुनाजी के 41 पद, पद संख्या 1 पिय संग रंग भरि करि कलोले, सबन को सुख देन, पिय संग...
Read moreDetailsमाता अम्बे मेरी, माँ जगदम्बे मेरी, आरती उतारे आज, हम सब तेरी।। देखे - ॐ जय अम्बे गौरी। पान सुपारी...
Read moreDetailsश्री गणेश चालीसा लिरिक्स, दोहा - जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल, विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजा लाल।।...
Read moreDetailsश्री लड्डू गोपाल चालीसा, दोहा - बाल रूप में शोभित हैं, श्री लड्डू गोपाल, जो जन नित सेवा करें, मिटे...
Read moreDetailsहो रही तेरी आरती, मिनावाड़ा की दशा माँ।। है जग जननी माँ कल्याणी, करे आरती भक्त तुम्हारी, द्वार तुम्हारे उतारे...
Read moreDetailsश्री केशव चालीसा, दोहा - पात पात में केशव जी, हर पल केशव दास, शिला रूप जगन्नाथ जी, दो श्री...
Read moreDetailsआरती बालकृष्ण की कीजे, अपनो जन्म सफल कर लीजे, आरती बाल कृष्ण की कीजे।। ये भी देखें - श्यामा तेरी...
Read moreDetailsजानकी स्तुति, जानकी स्तुति लिरिक्स, भई प्रगट कुमारी भूमि विदारी, जनहितकारि भयहारी, अतुलित छबि भारी मुनि मनहारी, जनकदुलारी सुकुमारी।। सुन्दर...
Read moreDetailsआरती हो रही है, बाबा जी थारी, मोरछड़ी लहराए।। कौन उतारे बाबा तोरी रे आरती, कुन थारे चँवर ढुलाई, बाबा...
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