आरती संग्रह

Aarti Sangrah Lyrics

नित्य पठनीय गीताजी के पाँच श्लोक

नित्य पठनीय गीताजी के पाँच श्लोक, वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्, देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्। १. अजोऽपि सन्नव्ययात्मा भूतानामीश्वरोऽपि सन्, प्रकृतिं स्वामधिष्ठाय...

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जानकी स्तुति हिंदी लिरिक्स

जानकी स्तुति, जानकी स्तुति लिरिक्स, भई प्रगट कुमारी भूमि विदारी, जनहितकारि भयहारी, अतुलित छबि भारी मुनि मनहारी, जनकदुलारी सुकुमारी।। सुन्दर...

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