बीकाजी साची भगती कमाई,
दोहा – अम्बापुर रे मायने,
कोई भगत होया जी महान,
बीकाजी तपस्या करी जद,
आया अम्बे मात।
ए परम भक्त मां अम्बाजी रा,
परम भक्त मां अम्बाजी रा,
किनी कठिन कमाई,
बीकाजी सांची भगती कमाई रे ए हा,
ए परम भक्त मां अम्बाजी रा,
परम भक्त मां अम्बाजी रा,
मां अम्बे ने रिजाई,
बीकाजी सांची भगती कमाई रे ए हा।।
ए राव बीकाजी रो जनम होयो,
राव बीकाजी रो जनम होयो,
सावंत जी घर माई,
बीकाजी सांची भगती कमाई रे ए हा,
संवत् 1440 में आवे,
डाबी परिवार घणा हर्षावे,
सखियां मंगला गाई,
बीकाजी सांची भगती कमाई रे ए हा।।
ए घणा दिना पछे रे ब्याव रे ताई,
सगला बांज कह बतलाई,
दुखी होया मन माई,
बीकाजी सांची भगती कमाई रे ए हा,
ए बारह वर्ष तक करी तपस्या,
बीकाजी करी कठिन तपस्या,
अम्बे रो ध्यान लगाई,
बीकाजी सांची भगती कमाई रे ए हा।।
ए राजी होय मां अम्बे आया,
सपने में मां दर्श दिखाया,
ए हुई सफल कमाई,
बीकाजी सांची भगती कमाई रे ए हा,
ए कन्या रुप में अम्बे पधारीया,
बीकाजी रा भाग जगाया,
सुनी गोद भराई,
बीकाजी सांची भगती कमाई रे ए हा।।
ए भगत बड़ा भगवान सु भाया,
भगतो रे काज धरण पर आया,
भगतो री आस पुराई,
बीकाजी सांची भगती कमाई रे ए हा,
ए *मनीष सीरवी* महिमा बनावे,
*जोगाराम प्रजापत* गावे,
भगती री ज्योत सवाई,
बीकाजी सांची भगती कमाई रे ए हा।।
ए परम भक्त मां अम्बाजी रा,
परम भक्त मां अम्बाजी रा,
किनी कठिन कमाई,
बीकाजी साची भगती कमाई रे ए हा,
ए परम भक्त मां अम्बाजी रा,
परम भक्त मां अम्बाजी रा,
मां अम्बे ने रिजाई,
बीकाजी सांची भगती कमाई रे ए हा।।
गायक – जोगाराम जी प्रजापत।
हाथीतला बाड़मेर।
प्रेषक/ लेखक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला ब्यावर राजस्थान)
9640557818