बजरंगी तेरे दरबार में,
दोहा – आ गया हूँ तो,
चरणों से लगालो,
मैं दर दर भटका हूँ,
अपना बना लो।
बजरंगी तेरे दरबार में,
दुख दर्द मिटाए जाते है,
सुना है की आने वालों के,
सुना है की आने वालों के,
तकदीर बनाए जाते है,
बजरंगी तेरे दरबार मे,
दुख दर्द मिटाए जाते है।।
तू रसिया है संकीर्तन का,
सुमिरन भी गाया जाता है,
श्री राम कथा को गागाकर,
भक्तों को सुनाया जाता है,
भक्ति हो प्रभु के चरणों में,
भक्ति हो प्रभु के चरणों में,
वह मार्ग बताएं जाते है,
बजरंगी तेरे दरबार मे,
दुख दर्द मिटाए जाते है।।
है बल बुद्धि का दाता तू,
सुख शांति भी करता है,
तू दयानिधे संकट मोचन,
खुशियों से घर भी भरता है,
अति दिन हीन बधरे लंगड़े,
अति दिन हीन बधरे लंगड़े,
तेरे दर पे उठाए जाते है,
बजरंगी तेरे दरबार मे,
दुख दर्द मिटाए जाते है।।
भक्ति का मरम प्रभु तू जाने,
युक्ति का इशारा मिलता है,
जीवन नैया ना भव में फंसे,
मुक्ति का किनारा मिलता है,
इस जन्म मरण के बंधन से,
इस जन्म मरण के बंधन से,
भक्तो को छुडाए जाते है,
बजरंगी तेरे दरबार मे,
दुख दर्द मिटाए जाते है।।
बजरंगी तेरे दरबार मे,
दुख दर्द मिटाए जाते है,
सुना है की आने वालों के,
सुना है की आने वालों के,
तकदीर बनाए जाते है,
बजरंगी तेरे दरबार मे,
दुख दर्द मिटाए जाते है।।
Singer – Rohit Tiwari Baba








