बाबा रामदेव अवतारी,
दोहा – बालक हूं मैं आपरो,
बाबा थे हो म्हारा नाथ,
शरणे आयो आप रे,
बाबा पकड़ो म्हारो हाथ।
बाबा रामदेव अवतारी,
थारा जग में परचा भारी,
मैं आया शरण तिहारी,
ओ अजमल घर अवतारी,
मैं आया शरण तिहारी,
ओ अजमल घर अवतारी।bd।
रूणिचा नगरी आयो,
म्हारो मनड़ो घणो हरसायो,
मैं दर्शन कर सुख पायो,
म्हारो सुतो भाग जगायो,
मैं दर्शन कर सुख पायो,
म्हारो सुतो भाग जगायो।bd।
मारा घर को तू रखवालो,
रुजक रोटी देवा वालो,
किस्मत रो खोल्यो तालो,
कियो जीवन में उजियालो,
किस्मत रो खोल्यो तालो,
कियो जीवन में उजियालो।bd।
म्हारे माथे हाथ है थाको,
फिर माने डर है काको,
‘सुर लहरी’ ने शरणे राखो,
थासु जन्म जन्म रो नातो,
‘सुर लहरी’ ने शरणे राखो,
थासु जन्म जन्म रो नातो।bd।
बाबा रामदेंव अवतारी,
थारा जग में परचा भारी,
मैं आया शरण तिहारी,
ओ अजमल घर अवतारी,
मैं आया शरण तिहारी,
ओ अजमल घर अवतारी।bd।
स्वर / रचना – सुरलहरी लेहरुदास वैष्णव।