हनुमत से बोली यूँ माता भजन लिरिक्स
हनुमत से बोली यूँ माता, क्यों मुख मुझे दिखाया है, तू वो मेरा लाल नहीं, जिसे मैंने दूध पिलाया है।।...
हनुमत से बोली यूँ माता, क्यों मुख मुझे दिखाया है, तू वो मेरा लाल नहीं, जिसे मैंने दूध पिलाया है।।...
हाथ कस के पकड़ ले मेरा सांवरे, मैं छुड़ाना भी चाहूँ, छुड़ाना सकूँ। तर्ज - हाल क्या है दिलों का...
पी ले जरा तू जी ले जरा, श्याम की अँखियों से मस्ती बरसे, पी ले जरा तू जी ले जरा।।...
तुमसे कन्हैया मेरी प्रीत पुरानी, परख ना पाये ये दुनिया दीवानी, तुमसे कन्हैया मेरी प्रीत पुरानी।। तर्ज - परदेसियों से...
कभी ये गम में कभी ख़ुशी में, निकल ही जाते है चार आंसू, मगर कन्हैया तेरे प्यार में, निकले है...
बाबा ओ बाबा भूलूँ ना द्वारा, छोड़ा जगत ने तो दिया था सहारा, दिया मान सम्मान ऐ श्याम, तू पहचान...
जब याद तुम्हारी आती है, मैं तेरे दर पर आता हूँ, अपने सुख दुख को हे ठाकुर, मैं रो रो...
श्याम तुम्हारे खाते में, नाम हमारा लिख लेना, चरण चाकरी दे देना, अपनी शरण में ले लेना, श्याम तुम्हारे खाते...
इन लम्हो का उन लम्हो से, नहीं है नहीं है नहीं है कोई मेल, कभी हँसते है कभी रोते है,...
फूलो का तारो का सबका कहना है, एक हजारो मेंरे गुरुवर है, सारी उमर गुरु की भक्ति करना है, फूलो...
© 2024 Bhajan Diary