अब तो चरण लगा लो,
अंबे दरस दिखा दो,
आया शरण भवानी,
जगदंबे माता रानी।bd।
तर्ज – दिल में तुझे बिठा के।
तेरे ही रचना यह जल थल,
सृष्टि चराचर कण कण,
तेरे ही रचना यह जल थल,
सृष्टि चराचर कण कण,
मेरी गिरती बुझती साँसे,
तुम पर ही माँ अर्पण,
भटका हूं पथ दिखा दो,
माता सनिज बना लो,
आए शरण भवानी,
जगदंबे माता रानी।bd।
तेरा ही वो हो जाता जो,
द्वार तुम्हारे आता,
तेरा ही वो हो जाता जो,
द्वार तुम्हारे आता,
तेरा मेरा जनम जनम से,
माँ बेटे का नाता,
आंचल में अब छुपा लो,
करुणा का घट बहा दो,
आए शरण भवानी,
जगदंबे माता रानी।bd।
तेरी कृपा अगर हो जाए,
जीवन मधुबन बन जाए,
तेरी कृपा अगर हो जाए,
जीवन मधुबन बन जाए,
बहे चहु दिसि सुख की सरिता,
पावन तन मन हो जाए,
मन में अलख जग दो,
भक्ति की लो जला दो,
आए शरण भवानी,
जगदंबे माता रानी।bd।
जिस पर भी तू अपनी दया की,
गंगा माँ बरसा दे,
जिस पर भी तू अपनी दया की,
गंगा माँ बरसा दे,
बड़भागी वह धन्य मनुज है,
स्नेह सुधा छलका दे,
ममता जरा लुटा दो,
जीना हमें सिखा दो,
आए शरण भवानी,
जगदंबे माता रानी।bd।
अब तो चरण लगा लो,
अंबे दरस दिखा दो,
आया शरण भवानी,
जगदंबे माता रानी।bd।
स्वर – अंकिता मिश्रा।
रचना – श्री संदीप कुमार झा “प्रदीप”