भवानी ओढ़ी चुनड़ली,
माता जी ओढ़ी चुनड़ली,
आवो पधारो म्हारे आंगणे,
वाटा जोवा रे गुण गावता।।
आवजो साज सौला सिणगार,
मावड़ी सिंह सजी असवार,
भवानी ले हाथा तलवार,
दुष्टा करजो मा संहार,
जोत उगमती आजो ऐ,
अंधारा दूर भगाजो ऐ,
आवो पधारो म्हारे आंगणे,
वाटा जोवा रे गुण गावता।।
चाँदलो चुदंड़ली चमके,
सितारा सोना रा दमके,
फुलड़ा रूपा रा सजके,
किनारा मोतिड़ा लटके,
चुडलो खणखण खणकाता,
झांझरा पगल्ये छनकाता,
आवो पधारो म्हारे आंगणे,
वाटा जोवा रे गुण गावता।।
भक्ति रंग-रंगी चुंदड़ली,
शक्ति रंग साजे चुंदड़ली,
मनोरथ मनडा रा सारे,
धारया ओढावे चुंदड़ली,
पावन गंगा ज्यु चुंदड़ली,
पाप निवारण चुंदड़ली,
आवो पधारो म्हारे आंगणे,
वाटा जोवा रे गुण गावता।।
देवता झुक झुक नमन करे,
सुरनर मुनीजन ध्यान घरे,
ओढी माँ पल में न्याल करे,
दरश भगता कल्याण करे,
भैरुडा चवर हुलाता रे,
अगाडी बजरंग आता रे,
आवो पधारो म्हारे आंगणे,
वाटा जोवा रे गुण गावता।।
जाण जो मन री बातड़ली,
राखजो किरपा माथड़ली,
दश बारे तरसे आखडली,
आंगणे जोहवा बाटड़ली,
पुत धारा चरणा में गावे,
“सुरेश” माँ ध्यान लगावे रे,
आवो पधारो म्हारे आंगणे,
वाटा जोवा रे गुण गावता।।
भवानी ओढ़ी चुनड़ली,
माता जी ओढ़ी चुनड़ली,
आवो पधारो म्हारे आंगणे,
वाटा जोवा रे गुण गावता।।
गायिका – रेखा शर्मा उदयपुर।
लेखक – सुरेश चन्द्र सुधार।








