जीण माता जीण माता,
जीण माता जीण माता,
जो शरण तुम्हारी आता,
मनवंचित फल है पाता,
जीण माता जीण माता,
जीण माता जीण माता।।
जन्म लिया माँ घांघू गांव में,
राजा घंघ के द्वार,
चौहान वंश का मैया आपने,
कर दिया उद्धार,
तू शक्ति रूप में आई,
तेरी अमिट है गाथा,
जीण माता जीण माता,
जीण माता जीण माता।।
काजल शिखर पे जाकर,
ध्यान किया था तुमने,
माँ जयंती को खुश किया था,
ऐसा सुना है हमने,
अरावली पर्वत पे तेरा,
धाम बना है माता,
जीण माता जीण माता,
जीण माता जीण माता।।
है मात भवानी अम्बा,
तू जगदम्बे महारानी,
“दिलबर” जीण माता की,
सुनलो भक्तो कहानी,
तुलसी जीण माँ की महिमा,
जग सारा ये गाता,
जीण माता जीण माता,
जीण माता जीण माता।।
जीण माता जीण माता,
जीण माता जीण माता,
जो शरण तुम्हारी आता,
मनवंचित फल है पाता,
जीण माता जीण माता,
जीण माता जीण माता।।
गायक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’
नागदा जक्शन म.प्र.
मो. 9907023365
प्रेषक – श्री तुलसी माली।
मो. 9819329496








