ओ तनै आणा पड़ेगा जरूर,
मेरे गोरख जी धुणे पै,
ओ तेरी भगति करी भरपूर,
मेरे गोरख जी धुणे पै।।
तर्ज – मुझे इश्क दा लगया रोग।
तेरा धुणा जगा दिया,
तेरा आसन लगा दिया,
तेरे श्री चरणों में बाबा जी,
यह जीवन बिता दिया,
या के गलती मेरी,
लाई इतनी क्यों देरी,
आकर बाबा देख लिए,
के हालत स मेरी,
मेरा इतना तू कहन पुंगा,
बाबा आके नै दर्श दिखा,
मेरा काढ़ कै जाइए कसूर,
मेरे गोरख जी धुणे पै।।
मैं तेरे बिन मर जाऊं,
बता और किधर जाऊं,
न्यू तो बता दे तेरी सेवा में,
के करके दिखलाऊं,
मैं तेरे बिना रहूं उदास,
तू रख ले अपने पास,
दर्शन देकर मिटा दिए जो,
लगी दर्शन की प्यास,
मने मत ना घणा तरसा,
तेरे पकडूं सु दोनों पां,
मनै करिए ना चरणों तै दूर,
मेरे गोरख जी धुणे पै।।
कब होगा तेरा दीदार,
धुणे प सारा परिवार,
जे ना आया तो बाबा जी,
यूं हंसी करे संसार,
फेर के जीना मेरा,
जे साथ ना हो तेरा,
तेरी भगति बिन ये जीवन,
बेकार सै मेरा,
मेरी लागी सै ऐसी लगन,
तेरी भगति म होया मगन,
चढ़या तेरी भगति का सरूर,
मेरे गोरख जी धुणे पै।।
गुरु राजेन्द्र सै थारा,
ना छोड़े कदे द्वारा,
तेरे चरणों तै बाबा जी,
ना करिए कदे न्यारा,
तेरा सेवक सुनील कुमार,
बस चाहवै तेरा प्यार,
धुणे ऊपर आणे तै अब,
ना करियो इन्कार,
ले हाथ म चिमटा झोली,
आजा धुणे पै गोरख तोली,
जब मिलेगा नूर त नूर,
मेरे गोरख जी धुणे पै।।
ओ तनै आणा पड़ेगा जरूर,
मेरे गोरख जी धुणे पै,
ओ तेरी भगति करी भरपूर,
मेरे गोरख जी धुणे पै।।
लेखक & गायक – सुनील कुमार लदानियां।
99961-23336








