मैं हूं अधूरा श्याम,
तुम हो संग ना,
बता दो कब आओगे,
मोरे अंगना।।
पलकों की पालकी में,
तुमको बिठाऊं,
अश्कों के हार से मैं,
तुमको सजाऊं,
जीवन में मेरे,
भरो उमंग ना,
बता दो कब आओगें,
मोरे अंगना।।
सुना है श्याम तू तो,
भाव का है भूखा,
खाना पड़ेगा मेरे,
घर का रुखा सुखा,
तुमसे है प्रीत बाकी,
कुछ संग ना,
बता दो कब आओगें,
मोरे अंगना।।
मैं हूं गरीब “सचिन”,
तुम हो महाराजा,
कुटिया में आकर इसे,
महल बना जा,
पंकज भक्ति का जाने,
गुण ढंग ना,
बता दो कब आओगें,
मोरे अंगना।।
मैं हूं अधूरा श्याम,
तुम हो संग ना,
बता दो कब आओगे,
मोरे अंगना।।
लेखक – पंकज निगम।
गायक – सचिन निगम(बाराबंकी)
Mo.8756825076








