सतगुरु मेरे जीवन का,
एक तू ही सहारा है,
मेरी पार करो नैया,
बड़ी दूर किनारा है।।
मेरा मन है उलझन में,
मार्ग तो दिखा जाओ,
मेरा मन है उलझन में,
मार्ग तो दिखा जाओ,
मोह में फंसके जीवन,
मैंने व्यर्था गुजारा है,
मेरी पार करो नैया,
बड़ी दूर किनारा है।।
रंग दुनिया के सारे,
मुझे फिके लगते है,
रंग दुनिया के सारे,
मुझे फिके लगते है,
मुझे कौन ये समझाऐ,
ना आना दोबारा है,
मेरी पार करो नैया,
बड़ी दूर किनारा है।।
रहा भटक अंधेरे में,
दे दो प्रकाश मुझे,
रहा भटक अंधेरे में,
दे दो प्रकाश मुझे,
ऐसे चमकूं जग में,
जैसे नभ का सितारा है,
मेरी पार करो नैया,
बड़ी दूर किनारा है।।
मेरे गुरु मुरारी कहरे,
कर राम भजन बंदे,
मेरे गुरु मुरारी कहरे,
कर राम भजन बंदे,
कट जायेंगे बन्धन,
संतों का नारा है,
मेरी पार करो नैया,
बड़ी दूर किनारा है।।
सतगुरु मेरे जीवन का,
एक तू ही सहारा है,
मेरी पार करो नैया,
बड़ी दूर किनारा है।।
गायक – सोनू कौशिक गवालड़ा।
प्रेषक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लणीया।
9996800660








