श्याम शरण में आजा प्यारे,
जो चाहे सो पाये,
फिर तू मौज उड़ाए,
फिर तू मौज उड़ाए,
श्याम प्रभु तेरी पकड़ें कलाई,
फिर तू क्यों घंबराये,
फिर तू मौज उड़ाए,
फिर तू मौज उड़ाए।।
कर ले सुमिरण श्याम नाम का,
मन पावन हो जाता,
दुनिया से जब ठोकर खाये,
यही तो गले लगाता,
फंसे भवँर में जब तेरी नैया,
श्याम ही पार लगाए,
फिर तू मौज उड़ाए,
फिर तू मौज उड़ाए।।
श्याम ही जग में सच्चा साथी,
सबका साथ निभाता,
गया ना खाली कोई यहाँ से,
जो भी दर पे आता,
तू भी आजा पसार के झोली,
पल में ही भर जाये,
फिर तू मौज उड़ाए,
फिर तू मौज उड़ाए।।
श्याम की महिमा दुनिया जाने,
कैसे खेल दिखाता,
जिसका जग में कोई नही है,
उसका साथ निभाता,
अहम छोड़ जो दर पे आये,
श्याम के मन को भाये,
फिर तू मौज उड़ाए,
फिर तू मौज उड़ाए।।
भाव भजन से श्याम रिझाले,
दौड़ा दौड़ा आता,
छप्पन भोग के थाल छोड़कर,
रूखा सूखा खाता,
“पुष्कर” रखकर शीश चरण में,
मन ही मन तू गाये,
फिर तू मौज उड़ाए,
फिर तू मौज उड़ाए।।
श्याम शरण में आजा प्यारे,
जो चाहे सो पाये,
फिर तू मौज उड़ाए,
फिर तू मौज उड़ाए,
श्याम प्रभु तेरी पकड़ें कलाई,
फिर तू क्यों घंबराये,
फिर तू मौज उड़ाए,
फिर तू मौज उड़ाए।।
Singer – Pushkar Bhardwaj
9924596777