सेवा में दिन रात री,
अर्पण कर दूं गात री,
मैया मेरी बाला सुंदरी मैया,
मैया पकड़ मेरा हाथ री,
सेवा म्ह दिन रात री,
अर्पण कर दूं गात री।।
तर्ज – कागज कलम दवात ला।
दुख आफत के घेरे म,
गम के घणे अंधेरे म,
आश मेरी स तेरे म,
मैया मेरी बाला सुंदरी मैया,
मैया बदल दे हालात री,
सेवा म्ह दिन रात री,
अर्पण कर दूं गात री।।
देदे मनै सहारा माँ,
तेरी चोखट पै आरहया माँ,
डुण्ढ रहया सूं किनारा माँ,
मैया मेरी बाला सुंदरी मैया,
मैया दिए मेरा साथ री,
सेवा म्ह दिन रात री,
अर्पण कर दूं गात री।।
शक्ति का कोई ओड़ नही,
जग म माँ तेरा तोड़ नही,
होती किसे पै होड़ नही,
मैया मेरी बाला सुंदरी मैया,
मैया दिखा करामात री,
सेवा म्ह दिन रात री,
अर्पण कर दूं गात री।।
कुड़लण म्ह गजेन्द्र लाल तेरा,
करीये भवानी ख्याल मेरा,
गुण गाऊँ हर हाल तेरा,
मैया मेरी बाला सुंदरी मैया,
मैया दिये सोगात री,
सेवा म्ह दिन रात री,
अर्पण कर दूं गात री।।
सेवा में दिन रात री,
अर्पण कर दूं गात री,
मैया मेरी बाला सुंदरी मैया,
मैया पकड़ मेरा हाथ री,
सेवा म्ह दिन रात री,
अर्पण कर दूं गात री।।
लेखक व प्रेषक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लण।
9996800660
गायक – लक्की शर्मा पिचौलिया।
9034283904