माजीसा मालानी में जागी,
जगमग ज्योत,
अरादे वेगा आवजो,
ओ मैया थेतो कहीजो,
जग री पालनहार,
भगतो रे बुलाया आवजो,
माजीसा कलयुग में,
थोरोडो आधार,
भगतो पर थेतो महर करो।।
माजीसा जोगीदास है,
अति पावन भोम,
जटे है मैया जन्म लियो,
ओ मैया भाटी कुल में,
आया मोटी मात,
जोगराजसिंह रो मन हर्षावीयो,
भटियानी सा,
स्वरूपल कंवर कहीजे नाम,
ब्राह्मण ओ टिपणो बांच दियो।।
माजीसा जसोल गढ़ में,
राठौडो रो राज,
कल्याण सिंह संग में परणीजीया,
ओ मैया राठौड़ कुल रो,
दीनो मान बढाय,
लाल सिंह ने मां हुलरावीया,
भटियानी सा,
रावला में छायो आनंद अपार,
देवडी रे मन नही भावीया।।
माजीसा देवडी रे मन में,
भरीयो कपट अपार,
दूध में जहर मिलाय दीयो,
ओ देवडी छल सु दीना,
लाल बन्ना ने मार,
ओ घोर अपराध कियो,
भटियानी सा,
पुत्र वियोग में तजीया प्राण,
ओ जगत रो कल्याण कियो।।
माजीसा दमामी ने दीयो,
चुनडी रो दान,
मां भगतो री आस पुराविया,
ओ मैया नदी किनारे,
बनियो मोटो धाम,
खेजडले री छाया बिराजीया,
भटियानी सा ध्यावे थोने,
सारोडो संसार,
वे मनवांछित फल पाय रया।।
माजीसा भादवा री तेरस रो,
मेलो लागे जोर,
दर्शन ने आवे जातरी,
ओ मैया घूमर रमता,
आवे म्हारी मात,
नित री है होवे आरती,
माजीसा भगतो पे,
राखो छत्तर छाव,
भटियानी सा भवतारिणी।।
माजीसा मनीष सीरवी,
महिमा दीनी बनाय,
भवानी कोलू* वालो गाय रयो,
माजीसा उतम शंकर जी,
कहीजे थोरो दास,
मनणावास सु आय रयो,
माजीसा उतम शंकर जी रे,
करजो सहाय,
भाव सु भजन बनाय रयो।।
माजीसा मालानी में जागी,
जगमग ज्योत,
अरादे वेगा आवजो,
ओ मैया थेतो कहीजो,
जग री पालनहार,
भगतो रे बुलाया आवजो,
माजीसा कलयुग में,
थोरोडो आधार,
भगतो पर थेतो महर करो।।
गायक – भवानी सिंह जी राजपुरोहित (कोलू)
लेखक – मनीष सीरवी रायपुर।