अरे मालानी री महारानी माँ,
भवतारनी,
होरा राखो,
निरोगा राखो माजीसा,
म्हारी मावड़ली,
ओ होरा राखो,
जसोला वाली मावड़ली।।
जसोल गढ़ में आप बिराजो,
मायड़ मोत्यावाली मां,
माजीसा रा दर्शन करवा आवे,
दुनिया सारी मां,
अरे भगतो रे हेले हाजिर,
आवो तो खरी,
होरा राखो माजीसा,
म्हारी मावड़ली।।
आयोडा भगता री मैया,
सुन लिजो अरदास मां,
खाली हाथ आया भगत,
भरदो झोली आप मां,
अरे भगतो री अरजी माजीसा,
सुनो तो खरी,
भगतो री आस माजीसा,
पुरावो खरी,
होरा राखो माजीसा,
म्हारी मावड़ली।।
तेरस वाली रात मैया,
लागे घणी प्यारी मां,
माजीसा री मूरत,
भगतों रे मनडे भायी मां,
अरे घूमर रमता माजीसा,
आवो तो खरी,
थारोडा टाबरिया ने दर्शन,
देवो तो खरी होरा,
होरा राखो माजीसा,
म्हारी मावड़ली।।
रायपुर सु मनीष सीरवी,
थारे चरना आयो मां,
प्रजापति जोगाराम मैया,
थारो गुण गायो मां,
दीपिका हर्षित ने चरना,
राखो तो खरी,
तनुष ऊपर छत्तर छाया,
राखो तो खरी,
होरा राखो माजीसा,
म्हारी मावड़ली।।
अरे मालानी री महारानी माँ,
भवतारनी,
होरा राखो,
निरोगा राखो माजीसा,
म्हारी मावड़ली,
ओ होरा राखो,
जसोला वाली मावड़ली।।
गायक – जोगाराम जी प्रजापत।
हाथीतला बाड़मेर।
लेखक – मनीष सीरवी रायपुर।