नव नौरता थारा थपाऊ माँ,
थारे देवल दर्शन आऊं जगदम्बा,
गुण आपरा गाऊं ए मां।।
जगत जरणी मां दुःख हरणी,
थारा दर्शन कर सुख पाऊं जगदम्बा,
गुण आपरा गाऊं ए मां,
काल क्रोध कुलदेवी निवांरे,
थारी अखंड री ज्योत जगाऊं जगदम्बा,
गुण आपरा गाऊं ए मां।।
धरती अम्बर री तूं धणियाणी मां,
थारो नित उठ ध्यान लगाऊं जगदम्बा,
गुण आपरा गाऊं ए मां,
ब्रह्म विष्णु महेश्वर ध्यावे,
केङी केङी महिमा सुनाऊं जगदम्बा,
गुण आपरा गाऊं ए मां।।
मां बहू बेटियों रो राखे अमर चुङलो,
थारे देवल जात दिराऊ जगदम्बा,
गुण आपरा गाऊं ए मां,
विरद आपरो मोटो मावङी,
चरणों में पुष्प चढ़ाऊं जगदम्बा,
गुण आपरा गाऊं ए मां।।
म्हा पर मेहर करी महाकाली,
थारे देवल शिश झुकाऊं जगदम्बा,
गुण आपरा गाऊं ए मां,
जोगाराम प्रजापति गावे,
थारी परिक्रमा लगाऊं जगदम्बा,
गुण आपरा गाऊं ए मां।।
नव नौरता थारा थपाऊ माँ,
थारे देवल दर्शन आऊं जगदम्बा,
गुण आपरा गाऊं ए मां।।
गायक / लेखक – जोगाराम प्रजापति।
हाथीतला बाङमेर।
9587984999