चली भक्तों की टोली,
बाबा नीम करौली,
भरे सबकी ही झोली बाबा,
जिनका मंदिर निराला,
वही कैंची धाम वाला,
करे दिल में उजाला बाबा,
बाबा बाबा।।
भक्ति में हनुमान की बाबा,
हो के मगन यूं खो गए,
भेद रहा न कोई उनमें,
रूप उन्हीं का हो गए,
वो बाबा कम्बल वाले,
गिरे भक्तों को संभालें,
जिनका मंदिर निराला,
वही कैंची धाम वाला,
करे दिल में उजाला बाबा,
बाबा बाबा।।
प्रेम से सबको देखें बाबा,
भेद नहीं कोई करते,
राम नाम बुलवाते सबसे,
सबके दुखड़े हरते,
जहाँ दृष्टि है डाली,
मिट जाए रात काली,
कभी भेजे न खाली बाबा,
जिनका मंदिर निराला,
वही कैंची धाम वाला,
करे दिल में उजाला बाबा,
बाबा बाबा।।
चली भक्तों की टोली,
बाबा नीम करौली,
भरे सबकी ही झोली बाबा,
जिनका मंदिर निराला,
वही कैंची धाम वाला,
करे दिल में उजाला बाबा,
बाबा बाबा।।
स्वर / लेखन – राज कुमार भारद्वाज।
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