लिखने वाले ने लिख डाली,
सबकी कर्म कहानी,
ओ प्राणी तेरी,
दो दिन की जिंदगानी।।
याद करो तुम उस मलिक को,
जिसने दी जिंदगानी,
ओ प्राणी तेरी,
दो दिन की जिंदगानी।।
भाई बंधु तेरा कुटुंब कबीला,
माया देख लुभाई,
रे प्राणी तेरी,
दो दिन की जिंदगानी।।
भवसागर में जीव फस्यो है,
काटो ना यम फांसी,
रे प्राणी तेरी,
दो दिन की जिंदगानी।।
कहत कबीर सुनो भाई साधु,
जीवन है बेहता पानी,
रे प्राणी तेरी,
दो दिन की जिंदगानी।।
लिखने वाले ने लिख डाली,
सबकी कर्म कहानी,
ओ प्राणी तेरी,
दो दिन की जिंदगानी।।
गायक – हरि पटेल।
प्रेषक – परसराम बंजारा।
62671 32826