गीगलो बन जाऊं थारो,
आँगने में डोलूं जी,
गीगलों बन जाऊँ थारो,
लाड़लो बन जाऊँ जी,
गीगलों बन जाऊँ थारो,
आँगने में डोलूं जी।।
नाम काम की चिंता कोनी,
भय ना लोभ सतावे है,
भूख प्यास में रोवा जद भी,
बाबो लाड लडावे है,
पोढ़णो गोदया में आँकी,
छीटकावे तो रो लू जी,
गीगलों बन जाऊँ थारो,
आँगने में डोलूं जी।।
ज्यू ज्यू रटावे बाबो म्हाने,
बीस्या ही म्हे बोला जी,
पहरावन जो करे यो म्हाकी,
राजा बाबू होल्या जी,
आंग्ली यो छोड़े कोनी,
आख़िर हूँ मैं भोलो जी,
गीगलों बन जाऊँ थारो,
आँगने में डोलूं जी।।
आँच जो कोई आवे म्हापे,
आँखिया यो छलकावे जी,
कालज़े लिपटावे म्हाने,
हाथ फेर पूसलावे जी,
लीले की ओ सेर करावे,
जद घूमन की बोलू जी,
गीगलों बन जाऊँ थारो,
आँगने में डोलूं जी।।
काम काज की आड़ में भी यो,
म्हाने नहीं भुलावे है,
निजर ना आऊ एक क्षण भी तो,
बाबो जीव उठावे है,
जगत रचैया को हूँ गीगलों,
भेद आज यो खोलू जी,
गीगलों बन जाऊँ थारो,
आँगने में डोलूं जी।।
गीगलो बन जाऊं थारो,
आँगने में डोलूं जी,
गीगलों बन जाऊँ थारो,
लाड़लो बन जाऊँ जी,
गीगलों बन जाऊँ थारो,
आँगने में डोलूं जी।।
Lyrics & Voice – Mohit Kanoi