सब देवा में देव,
बड़ा कलाधारी जी,
श्री रामा राज कंवार,
आप अवतारी जी।।
गढ़ रूणीचा में जाय,
चरण पुजवाया,
धुध्याली जोत रा,
लोग ही दर्शण पाया।।
रंग महल में चौपड़,
खेले दोनों भाई,
बाणियां बोयता की जहाज,
ही पल में तिराई।।
लक्खी बिंजारो बालद,
भर कर ल्यायो,
मिश्री को कर दियो लून,
भेद न पायो।।
भैरव राक्षस मारण,
आप ही मठ पर जाई,
गुरू बालीनाथ जी रा,
मस्तक हाथ धराई।।
हाथ जोड़कर,
राज हंस गुण गावे,
बसे कुचेरा शहर,
सदा सुख पावे।।
सब देवा में देव,
बड़ा कलाधारी जी,
श्री रामा राज कंवार,
आप अवतारी जी।।
गायक – मनोहर परसोया किशनगढ।








