हे म्हारी मैया,
हाथ जोड़ मैं करतो विनती।
दोहा – इन्द्रगढ़ बिजासना,
मां बरवाड़ा में चौथ,
ऊपर माल में जोगणिया,
मैया थारे जले अखंडी जौत।
हे म्हारी मैया,
हाथ जोड़ मैं करतो विनती,
ओ सुणज्यों ध्यान लगार ये,
अर्जी सुनाऊ रे थारा नाम की।।
ओ है मारी मैया,
नाम लियो रे थारो आज तो,
है म्हारी मैया,
नाम गायों री थारो आज तो,
ओ करज्यों भूल चुक ने माफ ये,
थारे शरणा में गांऊ आज तो।।
है म्हारी मैया,
इंदरगढ़ बणियों थारों देवरो,
है म्हारी मैया,
इंदरगढ़ बणियों थारों देवरो,
आज्यों सिंह पे सवार ये,
आजा जगदंबा म्हारे पावणी।।
है म्हारी मैया,
लाल चुनरियां रे लायो ओढ़णी,
है म्हारी मैया,
लाल चुनरियां रे लायो ओढ़णी,
ओ राखे हाथां में तलवार ये,
सिंह सवारी लागे सौवणीं।।
है म्हारी मैया,
सातों बहणा जी थांके साथ में,
है म्हारी मैया,
सातों मईयां जी थांके साथ में.
ओ रेवे भैरु बाबा साथ ये,
दर्शन देदयो ने म्हारी माईजी।।
है म्हारी मईया,
पगा मे लायों रे पायल बाजणीं,
है म्हारी मईया,
पगा मे लायों रे पायल बाजणीं,
ओं चुनर तारां वाली लायो रे,
ओढ़ो जगदम्बा मारी लाड़ली।।
है मारी मैया,
दूंरा रे देशा से आवें जातरी,
है मारी मैया,
दूंरा रे देशा से आवें जातरी,
कृपा करज्यों मारी जगदंबा,
थारा शरणा में गावें आज तो।।
हे म्हारी मैया,
माल्या को हेमन्त थांरे गा रियो,
है म्हारी मैया,
माल्या को हेमन्त थांरे गा रियो,
रिकॉर्डिंग महारानी में जार रे,
कैसेट्स भरछ रे थारा नाम की,
स्टूडियो सुमेरगंजमंडी में जार ये,
नाम लगावे थारे हाजरी।।
लेखक / गायक – हेमन्त सैनी इंदरगढ़।
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