चढ गई चढ गई रे,
सांवरिया तेरी मस्ती,
खोफ रहा ना मुझे किसी का,
देखी तेरी हस्ती।।
दुनिया के सारे रंग फिके,
रंग तेरे के आगे,
जिस पे रंग तेरा चढ जाए,
उस की किस्मत जागे,
तेरी कृपा से हो जाती,
पार भवर से कस्ती,
चढ गंई चढ़ गंई रे,
सावरिया तेरी मस्ती।।
मेरे मन की तू भी सुनले,
क्या बाबा अभिलाषा,
मुझे पिला दे प्रेम का प्याला,
जिस का हूँ मैं प्यासा,
तेरे दर्श को कब से बाबा,
मेरी आँख तरस्ती,
चढ गंई चढ़ गंई रे,
सावरिया तेरी मस्ती।।
जय गोविन्दा जय गोपाला,
मैने अलख जगाई,
झुम झुम के नाचूँ बस मैं,
ऐसी मन में आई,
दिवानो पे सदा दयालू,
रहमत तेरी बरस्ती,
चढ गंई चढ़ गंई रे,
सावरिया तेरी मस्ती।।
सुरेन्द्र सिंह चरणों में प्यारे,
हर पल शीश झुकाए,
दया दास पे रहेगी तेरी,
कर विश्वास ये गाए,
तेरी सेवा से बढ कर यहाँ,
कोई चीज नही सस्ती,
चढ गंई चढ़ गंई रे,
सावरिया तेरी मस्ती।।
चढ गई चढ गई रे,
सांवरिया तेरी मस्ती,
खोफ रहा ना मुझे किसी का,
देखी तेरी हस्ती।।
गायिका – लता कश्यप।
लेखक – सुरेन्द्र सिंह निठौरा।
9999641853