मेरे गुरुदेव जैसी जगत में,
दूसरी कोई हस्ती नहीं है,
जो बरसती है रहमत यहाँ पर,
जो बरसती है रहमत यहाँ पर,
वो कही भी बरसती नहीं है।bd।
सब जगह हमको माया सताती,
युक्ति बचने की समझ में ना आती,
इनकी बस्ती में आकर जो बसते,
इनकी बस्ती में आकर जो बसते,
वासना उनमें बसती नहीं है,
जो बरसती है रहमत यहाँ पर,
वो कही भी बरसती नहीं है।bd।
ज्ञान सागर में हम खाते गोता,
आत्म चिंतन यहाँ नित्य होता,
सद्गुरु चिंतन में जो लोग रहते,
सद्गुरु चिंतन में जो लोग रहते,
चिंता नागिन भी डँसती नहीं है,
जो बरसती है रहमत यहाँ पर,
वो कही भी बरसती नहीं है।bd।
जिसने आत्म स्वरुप है पाया,
जिसने ‘राजेश्वर’ गुरु गुण है गाया,
व्यर्थ विषयों के लिए वासना बस,
व्यर्थ विषयों के लिए वासना बस,
बुद्धि उसकी तरसती नहीं है,
जो बरसती है रहमत यहाँ पर,
वो कही भी बरसती नहीं है।bd।
मेरे गुरुदेव जैसी जगत में,
दूसरी कोई हस्ती नहीं है,
जो बरसती है रहमत यहाँ पर,
जो बरसती है रहमत यहाँ पर,
वो कही भी बरसती नहीं है।bd।
Singer – Dhanvantri Das Ji Maharaj