मेणादे रो लाल देखो,
बडो ही कमाल को,
धोली धजा फरुखावे,
बाबा रो घोड़ो,
घुंघरीया घमकावे,
रूणिचा वालो,
रमतो रमतो आवे।।
दुज भादवी मेलो लागे,
भगत घणेरा दर्शन आवे,
हो नोपत नगाडा बाजे,
शंख बाजे जोर को,
थोरी चरण सुख पावे,
बाबा रो घोडो,
घुंघरीया घमकावे,
रूणिचा वालो,
रमतो रमतो आवे।।
हो संघ घणेरा थारो आवे,
बाबो बेडा पार लगावे,
हों पीरो को है पीर बाबो,
सुगना थारा वीर को,
परचा मलक सब जाणे,
बाबा रो घोडो,
घुंघरीया घमकावे,
रूणिचा वालो,
रमतो रमतो आवे।।
हो राम सरोवर तीर बिराजे,
भगतो रा सब कारज सारे,
हों चांदी री समाधि थोरी,
सोना जडीयो पालणो,
हाथो मे भालो मन भावे,
बाबा रो घोडो,
घुंघरीया घमकावे,
रूणिचा वालो,
रमतो रमतो आवे।।
नव खण्डो मे जोत जगावे,
हरजी भाटी छवर ढूलावे,
हो मंगलसिंह भजन लिखे,
नरसिंह राजपुरोहित गावे,
बेडो बाबो पार लगावे,
बाबा रो घोडो,
घुंघरीया घमकावे,
रूणिचा वालो,
रमतो रमतो आवे।।
मेणादे रो लाल देखो,
बडो ही कमाल को,
धोली धजा फरुखावे,
बाबा रो घोड़ो,
घुंघरीया घमकावे,
रूणिचा वालो,
रमतो रमतो आवे।।
गायक – प्रताप जांगिड़।
9950903793