पर्वो का राजा यो आय गयो रे,
पर्युषण यो प्यारो,
पर्व है यो न्यारो।।
तर्ज – करके इशारा बुलाय गई रे।
पर्युषण की महिमा निराली,
जैनो के घर मानो दिवाली,
यो सबके ही मन में भाय गयो रे,
पर्युषण यो प्यारों,
पर्व है यो न्यारो।।
जप तप पूजा भक्ति का उत्सव,
आठ दिनों का आया महोत्सव,
आनन्द घर घर में छाय गयो रे,
पर्युषण यो प्यारों,
पर्व है यो न्यारो।।
संवत्सरी हमे मिलके मनाना,
‘दिलबर’ दिल से सबको खमाना,
‘युवान’ के दिल मे समाय गयो रे,
पर्युषण यो प्यारों,
पर्व है यो न्यारो।।
पर्वो का राजा यो आय गयो रे,
पर्युषण यो प्यारो,
पर्व है यो न्यारो।।
गायक – युवान पीपाड़ा (जैन) इंदौर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365
प्रेषक – देवेश पीपाड़ा इंदौर।