कृष्ण जन्मे आधी रात,
भादो की रतिया,
भादो की रतिया,
काली काली रतिया,
कान्हा जन्में आधी रात,
भादो की रतिया।।
देखे – जैल में प्रकट कृष्ण कन्हैया।
इनके चरुवे चराएंगी,
वही सखियां,
जिनके लंबे लंबे बाल,
कटीली अखियां,
कान्हा जन्में आधी रात,
भादो की रतिया।।
इनको पलना झूलाएगी,
वही सखियां,
जिनके गोरे गोरे हाथ,
हाथों में चूड़ियां,
कान्हा जन्में आधी रात,
भादो की रतिया।।
इनके बधाई गाएंगी,
वही सखियां,
जिनके छोटे छोटे पांव,
बजनी सी पायलिया,
कान्हा जन्में आधी रात,
भादो की रतिया।।
इनको लोरी सुनाएंगी,
वही मैया,
जिनका यशोमती नाम,
नंद जु की रनियां,
कान्हा जन्में आधी रात,
भादो की रतिया।।
कृष्ण जन्मे आधी रात,
भादो की रतिया,
भादो की रतिया,
काली काली रतिया,
कान्हा जन्में आधी रात,
भादो की रतिया।।
गायक – रमेश विश्वकर्मा।