सावन का महिना,
है कांवड़ियों का जोर,
बम बम के जयकारे,
गुंजे है चारों ओर।।
सावन का महिना लगता,
भोले को है प्यारा,
हरिद्वार का है देखो,
अजब नजारा,
जहां देखो वहां,
है कांवड़ियों का शोर,
बम बम के जयकारे,
गुंजे है चारों ओर।।
गंगाजल ले के,
चले है कांवड़िया,
पैदल चल के पहुंचे,
अपनी नगरिया,
पहुंच के अपनी नगरी,
चले मन्दिर की ओर,
बम बम के जयकारे,
गुंजे है चारों ओर।।
गंगाजल से भोले बाबा,
खुब नहाए,
सिंगला कांवड़िया,
झुमे और गाए,
भोले बाबा करना,
सब पर कृपा की कौर,
बम बम के जयकारे,
गुंजे है चारों ओर।।
सावन का महिना,
है कांवड़ियों का जोर,
बम बम के जयकारे,
गुंजे है चारों ओर।।
गायक / प्रेषक – मोहित शर्मा।
गिद्दड़बाहा पंजाब।
9772052229