लंका में डंका बजाए गयो रे,
मेरो प्यारो बलि,
प्यारो बली मेरा बाहुबली,
बाहुबली मेरो बजरंगबली।।
वो ललकारे और दहाड़े,
दुष्टों की भुजा उखाड़े,
हाथों से जकड़ बालों को पकड़े,
धरती पर रगड़ कर मारे,
दुष्टों में देखो मची खलबली,
फूक डाली है,
रावण की हर एक गली,
लंका में डंका बजाय गयो रे,
मेरो प्यारो बलि।।
रावण को बहुत समझाया,
पर उसकी समझ में ना आया,
दुष्टों ने पूंछ को जलाया,
हनुमत भी ध्यान लगाया,
और जैसे ही,
रघुवर की आज्ञा मिली,
लंका में डंका बजाओ बली,
लंका में डंका बजाय गयो रे,
मेरो प्यारो बलि।।
शिव शंकर के है अवतारी,
बात माने ये दुनिया सारी,
सब जानो बात एक प्यारी,
पूंछ में है मां गौरा हमारी,
शक्ति पे किसी की,
ना शक्ति चली,
और सोने की लंका पल में जली,
लंका में डंका बजाय गयो रे,
मेरो प्यारो बलि।।
सदा भक्तों को देते सहारा,
दास इनका कभी भी ना हारा,
ये दयालु जो करते इशारा,
तो ‘मुकेश’ का चलता गुजारा,
सदा भक्तों की,
बगिया है फूली फली,
लंका में डंका बजाय गयो रे,
मेरो प्यारो बलि।।
लंका में डंका बजाए गयो रे,
मेरो प्यारो बलि,
प्यारो बली मेरा बाहुबली,
बाहुबली मेरो बजरंगबली।।
गायक – मुकेश सांवरिया (बरेली)
9997730575