तुमसे मिलने भोले,
तेरे दर पर आते है,
ऊंचे पहाड़ों पर हम,
तेरा दर्शन पाते है।।
तर्ज – सावन का महीना।
केदार घाटी भोले,
सब को ही भाए,
बेहती हवाएं देखो,
भोले भोले गाए,
बच्चे हो या बड़े हो,
सब पैदल आते है,
ऊंचे पहाड़ों पर हम,
तेरा दर्शन पाते है।।
हम आस लेकर बाबा,
धाम तेरे आए,
बिगड़ी बनेगी यही,
अरमान लाए,
पार करो अब नैया,
हम जग के सताए है,
ऊंचे पहाड़ों पर हम,
तेरा दर्शन पाते है।।
डमरू की धुन डम डम,
बजती ही जाएं,
ओंकार की गूंज,
मन को सुहाए,
‘लक्ष्य’ भी ये गाता भोले,
सब से प्यारे है,
ऊंचे पहाड़ों पर हम,
तेरा दर्शन पाते है।।
तुमसे मिलने भोले,
तेरे दर पर आते है,
ऊंचे पहाड़ों पर हम,
तेरा दर्शन पाते है।।
गायक / लेखक – लक्ष्य गुप्ता।
देवास (म. प्र.) 7587677670