भोलेनाथ ने मनावा,
मैं तो आज,
राखे लाज,
बाबो बम लहरी,
बाबो भोलेनाथ,
बाबो भोलेनाथ,
अगड़ बम बम लहरी।।
माथे आंके चंदों सोहे,
जटा बीच गंगधार,
गल सर्पों का हार विराजे,
महिमा अपरम्पार,
बाबो बम लहरी।।
बाएं अंग में गौरा सोहे,
नंदी के असवार,
कैलाशा पर आप विराजो,
डमरू थारे हाथ,
बाबो बम लहरी।।
देवा म थे देव बड़ा हो,
दानी और दातार,
महर करे जद भोलो बाबो,
भर देवे भंडार,
बाबो बम लहरी।।
नाथ गुलाब है शरणा थारी,
हे भोले सरकार,
“विनय” सुनो हे भोले बाबा,
करदो भव सूं पार,
बाबो बम लहरी।।
भोलेनाथ ने मनावा,
मैं तो आज,
राखे लाज,
बाबो बम लहरी,
बाबो भोलेनाथ,
बाबो भोलेनाथ,
अगड़ बम बम लहरी।।
गायक – संत श्री गुलाब नाथ जी महाराज।
लेखक – विनय तमोली लक्ष्मणगढ़।
मोबाइल – 9785064838