म्हारो जनम सुधारो घनश्याम,
जपां म्हें निशदिन थारो नाम,
चाकरी थारी दीज्यो,
हाजरी म्हारी लीज्यो।।
सबसे पहले उठकर,
शीश नवावांगा,
मन मन्दिर का ठाकुर,
लाड़ लड़ावांगा,
थारा हुकुम बजावां घनश्याम,
करांगा सगळा थारा काम,
चाकरी थारी दीज्यो,
हाजरी म्हारी लीज्यो।।
म्हारो जीवन कई,
अवगुण की खान है,
तारणहार बिरद थारी,
पहचान है,
म्हारा अवगुण करज्यो माफ,
दयालू अंतर हो निष्पाप,
चाकरी थारी दीज्यो,
हाजरी म्हारी लीज्यो।।
अजामिल गणिका और,
अहिल्या तारी है,
देव दयालु इबकै,
म्हारी बारी है,
नित निरखूँ ‘नंदकिशोर’,
दरश कर नाचै मन को मोर,
चाकरी थारी दीज्यो,
हाजरी म्हारी लीज्यो।।
म्हारो जनम सुधारो घनश्याम,
जपां म्हें निशदिन थारो नाम,
चाकरी थारी दीज्यो,
हाजरी म्हारी लीज्यो।।
Singer / Lyrics – Nandu Ji Sharma
Upload By – Tushar Bhimsaria
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