माने तारो सतगुरु तारो,
भवसागर पार उतारो,
भव से पार उतारो,
माने शरणो लीनो थारो।।
लख चौरासी में फिरता फिरता,
मिलियो मनक जमारो,
शरने आय पाडियो गुरुदाता,
हाथ पकडलो मारो।।
आप गुरां सा परोपकारी,
करो मापे उपकारो,
आप बिना नहीं कोई दूजा,
भव से तारणहारो।।
सतगुरु स्वामी पारस समाना,
संग से सुधरे जमारो,
लोहा से सोना कर डारो,
जस भूलू ना थारो।।
ये तन विष की बेलड़ी र,
सतगुरू अमृत धारा,
शीश दिया जो गुरु मिले तो,
धन्य भाग हमारो।।
के लख केवू के लख बरणु,
सतगुरू सकल पसारा,
मेहर करो सतगुरु शानू पे,
माने भरोशो भारो।।
माने तारो सतगुरु तारो,
भवसागर पार उतारो,
भव से पार उतारो,
माने शरणो लीनो थारो।।
गायक – शानू रेगर सांवता।
9610489087